विवेक पटाईत / कविता, ललित लेख इत्यादी
Marathi stories, kavita
Wednesday, December 10, 2014
धुकं
धुक्यात उमटली
चित्रे काही
त्यास समजलो
जीवन नाती
धुक्यातली नाती
धुक्यात विरली
जीवन यात्री
उदास एकाकी
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